शब्द


कुछ मित्रों की फरमाइश थी ,कि मैं हिंदी में भी कुछ लिखूं।
तो ये कोई कविता नहीं, बल्कि एक कोशिश...आपबीती कह लीजिए !☺️
लेखन के क्षेत्र  में नए होने की वजह से जो अनुभव किया है या जो और रुकावटें आई हैं, बस उन्ही को बयां कर रही हूँ।


मैं जब अकेली होती हूँ,
मन के किसी कोने से निकल आते हैं,
दबे पांव...शब्द!
कुछ छोटे,कुछ बड़े,
कुछ सीधे, कुछ पड़े,
कुछ नए,कुछ पुराने,
कुछ जाने,कुछ अनजाने,
कुछ शराफत से पंक्ति में बैठ जाते हैं,
कुछ शरारत से इधर उधर भागते हैं,
पकड़ती हूँ,पर फिसल जाते हैं,
कुछ मुँह चिढ़ा कर निकल जाते हैं,
ढूढ़ती हूँ ,पुचकारती हूँ,
कभी उनके पर्याय से काम चलाती हूँ,
कुछ इतराते हैं खास जगह बनाने को,
मचलते हैं पन्नों पर सजाने को,
कभी फूलों की रंगत पाने को,
कभी पक्षी बन चहचहाने को,
कभी अक्षर अक्षर बिखरे रहते,
अटपटे से पसरे रहते,
कभी आपस में गलबहियां डाल,
गीत बन के निखरे रहते,
कभी भावनाओं से बुहारती हूँ,
कभी आंसूओं से पखारती हूँ,
कभी इतना कोलाहल करते हैं,
कि चुप कराना मुश्किल,
कभी ऐसे चुप,
कि बोलवाना मुश्किल।
ये मेरे दोस्त हैं, मेरे हमनवा,
जो आते हैं, कहीं मन के कोने से,
जब मैं अकेली होती हूँ।

65 comments:

  1. सच में बहुत सुन्दर रचना है. शब्दों के उपर इतना अच्छा लिखा कहीं नहीं पठा। आगे भी उत्सुकता से इंतजार रहेगा। राजीव झा।

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    1. धन्यवाद राजीव। सारा खेल शब्दों का ही है।😊

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  2. भावनाओं एवं एहसासों के उतार चढ़ाव को सरल शब्दों में बहुत ही शालीनता से वर्णन कर दिया। पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। सराहनीय!
    चंदन

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    1. बहुत आभार चंदन। आपसब अच्छे लेखक की सराहना सर आंखों पर।के

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  3. सुन्दर अति सुन्दर

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    1. आपका आशीर्वाद है,🙏

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  4. शब्दों को भरपूर सजाया है । हिंदी लेखन में आपका स्वागत है ।
    हमें आपकी हिंदी रचनाओं का इंतज़ार रहेगा । अब जब आपने शब्दों को दोस्त मान लिया है तो साथ तो नहीं छूटना चाहिए । सब लेखकों के मन की बात लिख दी है।बहुत अच्छी रचना ।

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    1. बहुत आभार !
      आपलोगों का स्नेह और आशीर्वाद बना रहे🙏

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  5. तुमने हम सब की भावनाओं को शब्द में बहुत खूबसूरती से पिरोया है
    ।हिंदी में लिखा है इसलिए मन के बहुत करीब !!

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    1. धन्यवाद दीदी कि कुछ मन पसंद लिख पाए

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  6. Kaya baat hai Rashmi......Bahut Sundar Chayan hai shabdon ka.....mujhe yaad aa rahi MovieTaare Jamin ki wo lyrics....
    *Dekho dekho kya oh ped hai
    Chaadar other ya khada koi*
    Sharafat...shararat....itrana...kabhi machalna
    Ek khoobsooratt geet hai...tumharo ye Kavita

    Amita Sinha

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    1. धन्यवाद अमिता,शब्दों का पूरा रस लिया तुमने !☺️👌

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  7. सुंदर, सटीक विवरण - शब्दों से आँख मिचौली का! सबीना

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  8. रश्मि, तुम ने बहुत सही नक्शा खींचा है शब्दों की जादूगरी का। बहुत अच्छा! अगर इन शब्दों की शक्ति न मिलती, तो हमारी भावनाएं कब का घुट के मर गईं होती।

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    1. बिल्कुल सही कहा सायमा, बहुत धन्यवाद

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  9. प्रेरक और रोचक😍😍🙌
    Amit Ranjan

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  10. अपने ब्लॉग जगत का अंग बनाने के लिए आभार और धन्यवाद🙏

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  11. मन खुश हो गया। यूँही लिखती रहो। (सलोनी)

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  12. भावनाओं को खुबसूरत शब्दों में पिरोया है आपने, एक अनमोल शब्द माला बनाया है आपने

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  13. एक-एक शब्द जिंदगी की सच्चाई से जुड़ी हुई।

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  14. शब्दों का ताना बाना बुनकर सबको निःशब्द कर डाला👌👏

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  15. निःशब्द हो गये हम इस रचना को पढ़ कर । शब्दों के प्रयोग एवं लय बहुत सराहनीय है । दोस्त इसी तरह िलखते रहिये । बेहतरीन । 🎉🎊🥳❤️ आरती सिन्हा

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    1. ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहो दोस्त।धन्यवाद

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  16. आहा ...कितना सुन्दर लिखा है रश्मि ...बिल्कुल सटीक ❤❤❤❤

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  17. शब्द तो सारे आपने चुरा लीए, बचे नहीं आपकी प्रशंसा हेतु!

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    1. बहुत धन्यवाद ! सबके पास अपना खज़ाना है😊

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  18. हिन्दी में भी अच्छा पदार्पण किया है,,,,बहुत बहुत शुभकामनाएं -सुजाता

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  19. बहुत सुन्दर सृजन ।

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  20. Very impressive Rashmi. Topic and content are very unique. Keep writing..

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  21. बहुत सुन्दर रश्मि जी ! शब्दरूपी शरारती बच्चों को आपने एक कुशल अध्यापिका की भांति न केवल अनुशासित किया है बल्कि उन्हें संवारा और निखारा भी है.

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    1. धन्यवाद गोपेश जी।आप उस विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं...आपके आशीर्वाद की प्रार्थी !🙏😊

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  22. रश्मि जी शब्दों से सजी इस प्रस्तुती के लिए शब्द दर शब्द आभार स्वीकारें

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    1. आपका भी आभार और धन्यवाद

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  23. अद्भुत। बधाई हो रश्मि जी

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  24. यह महज कोशिश नहीं आपकी परिपक्व अभिव्यक्ति है। बहुत -बहुत धन्यवाद कि आपने समस्त नारी जाति की पीड़ा और विवशता को उकेरा
    है।नमन है आप को।

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    1. धन्यवाद ।आपने किसी और ब्लॉग की प्रतिक्रिया यहां डाल दी है।😊

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  25. So evocative and full of life!
    Shashank

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  26. You tamed the words meaningfully, you excel waiting for more

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  27. बहुत ही सुंदर, कोशिश सराहनीय है।

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  28. दबे पांव...शब्द!
    कुछ छोटे,कुछ बड़े,
    कुछ सीधे, कुछ पड़े,
    कुछ नए,कुछ पुराने,
    कुछ जाने,कुछ अनजाने,
    कुछ शराफत से पंक्ति में बैठ जाते हैं,
    शब्द घर न होते तो
    आभार

    सादर नमन

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  29. फूल और काँटे,हृदय भी बाँटे
    हीरक,मोती,मानिक,माटी,धूल,
    कौन है सस्ता,कौन है मँहगा
    मानुष की कीमत बतलाते शब्द
    ------
    सुंदर अभिव्यक्ति रश्मि जी।
    सादर स्नेह।

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  30. धन्यवाद श्वेता जी।सही कहा,शब्द बेहद शक्तिशाली होते हैं

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  31. वाह मोना दी। शब्दों की माला पिरोना कोई तुमसे सीखे। बहुत ही सुंदेर।

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  32. बहुत ही सुन्दर मनभावन सृजन

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  33. कभी इतना कोलाहल करते हैं,
    कि चुप कराना मुश्किल,
    कभी ऐसे चुप,
    कि बोलवाना मुश्किल।
    Ultimate !

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  34. ये शब्द अनमोल हैं।अभिनन्दन प्रिय रश्मि जी ❤🙏

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  35. कभी इतना कोलाहल करते हैं,
    कि चुप कराना मुश्किल,
    कभी ऐसे चुप,
    कि बोलवाना मुश्किल।
    वाह!!!
    शब्दों की सच्चाई ऐसी कि निःशब्द हूँ...
    लाजवाब।

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