गुफ्तगू....ज़िंदगी से

 कुछ खास नहीं, बस आम सी बातें,आम से जीवन की, जो मन से फिसल कर निकली हैं...


सरपट दौड़ती ज़िंदगी के,
छालों भरे पांव से लिपट गयी मैं,
रुको !दो घड़ी,
कुछ सांस ले लें,
हम भी, तुम भी,
कुछ गुफ्तगू कर लें,
हम भी,तुम भी
आगे भी क्या बेदम दौड़ना है?
या फिर समय की गति को तोड़ना है?
हांकती गयी तुम,
और मैं भी दौड़ी बदहवास,
सोचा कम और भागी ज़्यादा,
कभी  ठिठकी, तो ठेल दिया,
कभी मुड़ी, तो धकेल दिया,
कभी दोराहों पर भटकाया,
कभी पतली गली में पटकाया,
कभी मकां छुटा, कभी साथी,
कभी दीया गिरा ,कभी सरकी बाती,
भीड़ बहुत थी,
क्या दूल्हा!  क्या बाराती!
मुखौटे सभी सजे हुए,
खिलाड़ी सारे मंजे हुए,
मुस्कान थी ,या नश्तर की धार?
नृत्य या धोबी पछाड़?
अजीब अंदाज़ था टोकने का,
हरी झंडी की आड़ में रोकने का,
भलाई और भरोसा कब का राह छोड़ गए,
सच्चाई और शर्म कब का मुँह मोड़ गए,
अब सांझ के झुटपुटे में थोड़ी रोशनी उधार लें,
अपनी झुर्रियों के साये में बैठ पांव पसार लें,
गिले शिकवे सब बिसार लें,
मेरी आंखों में मोती,
तुम्हारे बालों में चांदी,
अपनी अमीरी के साथ ,
आहिस्ता चलते हैं!
हम भी ,तुम भी,
हाथों में हाथ डाले,
जब तक हाथ छूट न जाये!!






















58 comments:

  1. Shandar rachna hamesha ki tarah Rashmi ... Chhaya
    ....

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    1. धन्यवाद छाया। तुम सराहने वालों की पंक्ति में हमेशा आगे रहती हो

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  2. पढ़कर मन आह्लादित हो उठा

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  3. Excellent expression! मन की बात कितनी सरलता से कह गई Sabina

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    1. धन्यवाद सबीना। बात पेचीदा तो तब होती है, जब वो मन की नहीं होती !☺️

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  4. तुमने बहुत अच्छा लिखा है रश्मि

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  5. Life described beautifully.Stir you,make you smile,make you sad. बहुत सुंदर।

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    1. धन्यवाद देवब्रत। कभी खुशी ,कभी ग़म।🙏😁

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  6. सुन्दर प्रस्तुति

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  7. ह्म्म्म। नटखट जिंदगी के लुका छिप्पी जैसे खेल का एक दिलचस्प विवरण

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  8. गुफ्तगू करते बीत जाए jindigi।कुछ मेरी सुनो कुछ तेरी।सुंदर रचना।

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    1. धन्यवाद नीरू दी। कम हम कहें, कुछ तुम कहो !

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  9. आम सी बातें बहुत खास बनकर निकली है रश्मि, निरंतर इसी तरह निकलती रहे, मीना बिरुवा

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    1. आम को खास तुम जैसे पाठक बनाते हैं। धन्यवाद मीना

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  10. बिल्कुल सही चित्रण जीवन का। राजीव झा।

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  11. Beautiful! - Sujata

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  12. Very well written Rashmi! Life is a kaleidoscope which you have captured very well! What is left at the end are memories- some bitter some sweet ! Best is to savour them all in the evening of one’s life 😊

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    1. Yes Shashank...better to leave with a sweet taste !
      Thank you.

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  13. वाह Rashmi टेढ़ी ज़िन्दगी की बात इतनी सरलता से लिख डाली …👌👌👌अति सराहनिये 👍👍🌺🌺🌺। Daisy

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    1. धन्यवाद डेज़ी...लिखना आसान है ☺️!

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  14. भावों की जीवंत अभिव्यक्ति

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  15. वाह! गुफ्तगू जिंदगी से,
    निहायत संजीदगी से।

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  16. आपकी लिखी रचना सोमवार 01 अगस्त 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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    1. आपका अत्यंत आभार जो इस आम सी गुफ्तगू को इस लायक समझा !

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  17. इस गुफ्तगू पर मैंने भी कुछ लिखा था ....दिख नहीं रहा .

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  18. बहुत ही सुंदर रचना ❣️

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  19. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रिय रश्मि जी।कभी -कभी जिन्दगी से कुछ प्रश्न और खुद ही उनका समाधान करना अच्छा लगता है।आखिर भागमभाग में हर किसी को सुकून के दो पलों की उम्मीद तो बनी ही रहती है।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकार करें 🙏🙏🌹🌹

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    1. धन्यवाद रेणु जी।फुरसत के पल की तलाश तो रहती है जीवन के इस पड़ाव पर।😊

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  20. जिन्दगी की भागदौड़ को बड़ी ही संजीदगी से परिभाषित किया है ।बधाई रश्मि जी ।

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    1. धन्यवाद जिज्ञासा जी। भाग दौड़ जीवन का पर्याय बन गयी है।

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  21. भाग-दौड़ से भरी ज़िंदगी में सुकून तलाशती सुंदर रचना रश्मि जी।
    सादर।

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    1. धन्यवाद श्वेता जी।हम कामकाजी महिलाओं पर विशेष लागू होती हैं ये बातें।

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  22. और मैं भी दौड़ी बदहवास,
    सोचा कम और भागी ज़्यादा,
    कभी ठिठकी, तो ठेल दिया,
    कभी मुड़ी, तो धकेल दिया,
    कभी दोराहों पर भटकाया,
    कभी पतली गली में पटकाया,
    कभी मकां छुटा, कभी साथी,
    कभी दीया गिरा ,कभी सरकी बाती,….
    जीवन की धूप छाँव का बहुत सुन्दर वर्णन 👌👌

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  23. अपनी अमीरी के साथ ,
    आहिस्ता चलते हैं!
    हम भी ,तुम भी,
    हाथों में हाथ डाले,
    जब तक हाथ छूट न जाये!!
    --------------------
    वाह! बहुत खूब। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। सादर।

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  24. Nice simple unblemished flow of words, woven into a poem that brings out the simplicity of your thoughts and emotions. Good writing ✍ 👍

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    1. Thanks Rajnish. Simple person...simple language.😊

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  25. A pleasure to read your thoughts Rashmi. 🤗 Hugs, Umang

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    1. Thanks Umang. Guess some of us are in the same boat.

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  26. Beautiful Expression Rashmi ,Shobha

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  27. अब सांझ के झुटपुटे में थोड़ी रोशनी उधार लें,
    अपनी झुर्रियों के साये में बैठ पांव पसार लें,

    वाह!!!!

    अपनी अमीरी के साथ ,
    आहिस्ता चलते हैं!
    हम भी ,तुम भी,
    हाथों में हाथ डाले,
    जब तक हाथ छूट न जाये!!

    हाथ छूटते ही साथ और शिकवे सब छूट जाने हैं अमीरी भी।
    बहुत ही सुन्दर रचना ।

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    1. धन्यवाद सुधा जी। सही फरमाया, इसलिए तब तक अपनी अमीरी का लुत्फ, बिना शिकवा ले लें !☺️

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  28. This is life.Rarely any two points in life is a straight line. Life is an unbroken chain of problems seeking solution.Take in strides with a smile on your face not frown because frown hams you more than frowned

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    1. Life lessons from my father.(You forgot to identify yourself!!☺️)
      Thank you.🙏🙏

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  29. वाह…बहुत खूब

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  30. जिन्दगी इन प्रश्नों का उत्तर शायद कभी नहीं देती बस हमारा मन हल्का हो जाता है यूँ बरस कर।फिर से पढ़ा,अच्छा लगा।अभिनंदन प्रिय रश्मि जी ❤

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  31. बहुत ही अच्छा लेख ।

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  32. ग़र किसी का साथ हो
    हाथों में हाथ हो
    ज़िंदगी में चाहे जितनी भी भागम भाग हो
    ख़ुशनुमा होगा ये सफ़र
    गर किसी का हाथ
    तेरे हाथ में हो
    बहुत ही पप्यारा ज़िंदगी का फसाना😍😍👌👌👌👌👏👏👏👏👏💕

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    1. सही फरमाया । अच्छा साथ ,किसी भी सफर को आसान और सुहाना बना देता है।🙏

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